Additional Information | |||
---|---|---|---|
Title | वायुपुत्रों की शपथ | Height | 195 mm |
Author | अमीश त्रिपाठी | Width | 127 mm |
ISBN-13 | 9789383260003 | Binding | PAPERBACK |
ISBN-10 | 9383260009 | Spine Width | 29 mm |
Publisher | Young Arrow | Pages | 578 |
Edition | Availability | In Stock |


Supplemental materials are not guaranteed for used textbooks or rentals (access codes, DVDs, CDs, workbooks).
वायुपुत्रों की शपथ
Author: अमीश त्रिपाठी
शिव अपनी शक्तियां जुटा रहा है। वह नागाओं की राजधानी पंचवटी पहुंचता है और अंततः बुराई का रहस्य सामने आता है। नीलकंठ अपने वास्तविक शत्रु के विरुद्ध धर्म युद्ध की तैयारी करता है। एक ऐसा शत्रु जिसका नाम सुनते ही बड़े से बड़ा योद्धा थर्रा जाता है। एक के बाद एक होने वाले नृशंस युद्ध से भारतवर्ष की चेतना दहल उठती है। ये युद्ध भारत पर हावी होने के षड्यंत्र हैं। इनमें अनेक लोग मारे जाएंगे। लेकिन शिव असफल नहीं हो सकता, चाहे जो भी मूल्य चुकाना पड़े। अपने साहस से वह वायुपुत्रों तक पहुंचता है, जो अब तक उसे अपनाने को तैयार नहीं थे।rnrnक्या वह सफल हो पाएगा? और बुराई से लड़ने का क्या मूल्य चुकाना पड़ेगा? भारतवर्ष को? और शिव की आत्मा को?rnrnबेस्टसेलिंग शिव रचना त्रयी की अंतिम कड़ी सारे राज़ खोलेगी।