Additional Information | |||
---|---|---|---|
Title | मनोरमा | Height | 214 mm |
Author | मुंशी प्रेमचंद | Width | 136 mm |
ISBN-13 | 9789380703954 | Binding | PAPERBACK |
ISBN-10 | 9380703954 | Spine Width | 10 mm |
Publisher | Lexicon books | Pages | |
Edition | Availability | In Stock |


Supplemental materials are not guaranteed for used textbooks or rentals (access codes, DVDs, CDs, workbooks).
मनोरमा
Author: मुंशी प्रेमचंद
जगदीशपुर के दीवानसाहब की बेटी जितनी सुंदर और उतनी ही गुणी और विचारशील थी। वह अपने शिक्षक और समाज सुधारक चक्रधर को पसंद करने लगी थी। लेकिन अचानक एक दिन उनकी नजर राजा साहब पर पड़ी और अपनी तीन पत्नियों के बावजूद वे मनोरमा पर मोहित हो गए। क्या वह मनोरमा को अपनी रानी बना सकता है? या मनोरमा को उसका प्यार मिल सकता था? सरल और बोधगम्य भाषा में लिखा गया 'मनोरमा' सभी वर्गों के पाठकों के लिए पठनीय और संग्रहणीय है।