Additional Information | |||
---|---|---|---|
Title | सेवा सदन | Height | 216 |
Author | मुंशी प्रेमचंद | Width | 140 |
ISBN-13 | 9788195025329 | Binding | PAPERBACK |
ISBN-10 | 8195025329 | Spine Width | 15 |
Publisher | Lexicon books | Pages | 256 |
Edition | Availability | In Stock |


Supplemental materials are not guaranteed for used textbooks or rentals (access codes, DVDs, CDs, workbooks).
सेवा सदन
Author: मुंशी प्रेमचंद
बीसवीं सदी के अंत में देश में प्रचलित सामाजिक मुद्दों पर प्रकाश डालते हुए, मुंशी प्रनेशचंद के सेवासदन (1918) में सुमन की मार्मिक कहानी है, जो दहेज प्रथा की बुराइयों के कारण दुखी, बेमेल विवाह में फंसी है। यह उनकी यात्रा को पुण्य गृहिणी होने से लेकर ’सुमंगली’ होने तक, वाराणसी के कोठों में एक दरबार के रूप में दर्शाता है। सुमैक उसे कैसे छुड़ाएगा?